आत्मसम्मान सुविचार
आत्मसम्मान वह शक्ति है जो आपको कठिन समय में भी दृढ़ बनाए रखती है।
दूसरों से सम्मान पाना चाहते हो तो पहले खुद को सम्मान देना सीखो।
आत्मसम्मान खोकर हासिल की गई जीत, असल में हार होती है।
अपने आत्मसम्मान के लिए खड़े रहना ही सच्ची हिम्मत है।
जो खुद का सम्मान नहीं करता, दुनिया भी उसका सम्मान नहीं करती।
आत्मसम्मान इंसान की सबसे बड़ी पूंजी है।
अपने आत्मसम्मान के लिए कभी भी समझौता मत करो।
आत्मसम्मान ही सच्चे स्वाभिमान का दूसरा नाम है।
अपने विचारों और मान्यताओं पर विश्वास ही आत्मसम्मान है।
जो खुद को छोटा समझता है, वो दूसरों के आगे भी झुकता है।
आत्मसम्मान जीवन में दिशा और साहस देता है।
सम्मान पैसा नहीं, पर अमूल्य खजाना है।
आत्मसम्मान त्यागना, अपने अस्तित्व को खोना है।
खुद को सम्मान देना, आत्मविश्वास बढ़ाने का पहला कदम है।
जो व्यक्ति अपने आत्मसम्मान की रक्षा करता है, वही सच्चा विजेता है।
आत्मसम्मान ही आपको अपमान से बचाता है।
खुद को कमजोर मत समझो, आत्मसम्मान तुम्हारी सबसे बड़ी ताकत है।
आत्मसम्मान खोकर मिली हर खुशी अधूरी होती है।
अपनी मर्यादा में रहकर जीना ही आत्मसम्मान है।
आत्मसम्मान व्यक्ति के व्यक्तित्व को ऊँचाई देता है।
सम्मान वह है, जो आप खुद को देते हैं, न कि जो लोग आपको देते हैं।
जो व्यक्ति अपने आत्मसम्मान को समझता है, वही असली स्वतंत्र है।
आत्मसम्मान और सत्य एक-दूसरे के साथी हैं।
अपने आत्मसम्मान के लिए कठिन निर्णय लेना भी जरूरी होता है।
जो खुद को महत्व नहीं देता, उसे दुनिया भी महत्व नहीं देती।
आत्मसम्मान खोने वाला व्यक्ति धीरे-धीरे खुद को खो देता है।
आत्मसम्मान के लिए सच्चाई पर टिके रहना जरूरी है।
सम्मान का निर्माण अपने आचरण से होता है।
आत्मसम्मान खोकर सफलता पाना असली सफलता नहीं।
जो खुद को सम्मान देता है, वही दूसरों का सम्मान कर पाता है।
आत्मसम्मान किसी भी इंसान का सबसे बड़ा गहना है।
अपने लिए खड़े रहना आत्मसम्मान की पहचान है।
आत्मसम्मान के बिना जीवन अधूरा है।
सम्मान कमाने में सालों लगते हैं, खोने में सिर्फ एक पल।
आत्मसम्मान के बिना रिश्ते टिकते नहीं।
आत्मसम्मान ही सच्ची पहचान है।
जो आत्मसम्मान से समझौता करता है, वह खुद को खो देता है।
सम्मान कभी भी दूसरों से भीख में मत मांगो।
आत्मसम्मान इंसान को मजबूत बनाता है।
अपनी सीमाओं का सम्मान करना ही आत्मसम्मान है।
आत्मसम्मान के बिना स्वतंत्रता अधूरी है।
अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अकेले खड़े होने का साहस रखो।
आत्मसम्मान आपको अपमान सहने से रोकता है।
आत्मसम्मान और स्वाभिमान साथ-साथ चलते हैं।
खुद के लिए सख्त रहना भी आत्मसम्मान है।
आत्मसम्मान खोकर मिली मोहब्बत भी अधूरी होती है।
सम्मानित जीवन जीने के लिए आत्मसम्मान जरूरी है।
आत्मसम्मान का अर्थ है, अपनी आत्मा के प्रति सच्चा होना।
अपने आत्मसम्मान के लिए 'ना' कहना सीखो।
आत्मसम्मान कभी भी पैसों से नहीं खरीदा जा सकता।
आत्मसम्मान ही इंसान को गरिमा देता है।
जो अपने आत्मसम्मान को खो देता है, वह दूसरों का खिलौना बन जाता है।
आत्मसम्मान खोना, खुद को खोना है।
आत्मसम्मान के लिए हमेशा ईमानदारी से काम करो।
जो खुद को महत्व देता है, वही जीवन में आगे बढ़ता है।
आत्मसम्मान आपके चरित्र की पहचान है।
अपने आत्मसम्मान को हल्के में मत लो।
आत्मसम्मान खोकर जो भी पाओगे, वह स्थायी नहीं होगा।
आत्मसम्मान की रक्षा हर हाल में जरूरी है।
आत्मसम्मान ही इंसान का सच्चा आभूषण है।
जो खुद का सम्मान करता है, वही जीवन में सुखी रहता है।
आत्मसम्मान इंसान की असली ताकत है।
अपने आत्मसम्मान के लिए खड़े होना सीखो।
आत्मसम्मान के बिना आत्मविश्वास कमजोर पड़ जाता है।
खुद को छोटा मत समझो, आत्मसम्मान रखो।
आत्मसम्मान खोने वाला व्यक्ति खुद से दूर हो जाता है।
आत्मसम्मान व्यक्ति को ऊँचाई पर ले जाता है।
आत्मसम्मान और स्वतंत्रता एक-दूसरे के पूरक हैं।
सम्मान हमेशा कर्मों से कमाया जाता है।
आत्मसम्मान कभी भी किसी के आगे झुकने नहीं देता।
आत्मसम्मान को बनाए रखना ही असली जीत है।
आत्मसम्मान की रक्षा के लिए सख्त बनो।
आत्मसम्मान खोकर किसी का एहसान मत लो।
आत्मसम्मान के बिना रिश्ते भी कमजोर हो जाते हैं।
आत्मसम्मान आपको गरिमामय जीवन देता है।
अपने आत्मसम्मान के लिए सीमाएं तय करो।
आत्मसम्मान के साथ जीना ही असली स्वतंत्रता है।
आत्मसम्मान किसी भी हाल में नहीं छोड़ना चाहिए।
आत्मसम्मान खोना, खुद की कीमत घटाना है।
आत्मसम्मान इंसान को मजबूत बनाता है।
आत्मसम्मान आपको हर परिस्थिति में स्थिर रखता है।
आत्मसम्मान खोकर मिली सफलता, असफलता से भी बुरी है।
आत्मसम्मान आपको अपमान से दूर रखता है।
आत्मसम्मान आपकी पहचान है।
आत्मसम्मान खोकर जीना, आत्मा को मारना है।
आत्मसम्मान से ही जीवन का मूल्य है।
आत्मसम्मान आपको सच्चा बनाता है।
आत्मसम्मान खोना मतलब खुद पर विश्वास खोना।
आत्मसम्मान आपके व्यक्तित्व की नींव है।
आत्मसम्मान को हमेशा सर्वोच्च स्थान दो।
आत्मसम्मान खोकर मतलबी रिश्ते मत निभाओ।
आत्मसम्मान सच्चे स्वाभिमान की पहचान है।
अपने आत्मसम्मान के लिए बोलना जरूरी है।
आत्मसम्मान आपके आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
आत्मसम्मान खोकर कोई भी खुशी अधूरी है।
आत्मसम्मान जीवन में संतुलन लाता है।
आत्मसम्मान आपको गलत रास्ते पर जाने से रोकता है।
आत्मसम्मान के लिए संघर्ष करना ही सच्ची जीत है।
आत्मसम्मान के बिना इंसान अधूरा है।
आत्मसम्मान आपके दिल की आवाज है।
आत्मसम्मान खोकर जो भी मिलेगा, वह खो जाएगा।
आत्मसम्मान इंसान को सच्चा बनाता है।
आत्मसम्मान खोना अपने आत्मा से विश्वासघात करना है।
आत्मसम्मान आपकी सबसे बड़ी पूंजी है।
आत्मसम्मान को बनाए रखना ही समझदारी है।
आत्मसम्मान खोकर दूसरों का गुलाम मत बनो।
आत्मसम्मान आपको मजबूत और स्वतंत्र बनाता है।
आत्मसम्मान खोकर रिश्ते निभाना मजबूरी है, मोहब्बत नहीं।
आत्मसम्मान के साथ जीना ही गरिमा है।
आत्मसम्मान खोकर खुशी नहीं मिल सकती।
आत्मसम्मान आपको आत्मनिर्भर बनाता है।
आत्मसम्मान खोकर हासिल की गई चीज़ें खोखली होती हैं।
आत्मसम्मान जीवन का आधार है।
आत्मसम्मान खोना, अपने चरित्र को खोना है।
आत्मसम्मान इंसान की सच्ची ताकत है।
आत्मसम्मान खोकर मिली मोहब्बत टिकती नहीं।
आत्मसम्मान के बिना जीवन निरर्थक है।
आत्मसम्मान खोकर मिली इज्जत झूठी है।
आत्मसम्मान आपको आत्मशक्ति देता है।
आत्मसम्मान खोना, खुद को खो देना है।
आत्मसम्मान इंसान की असली ढाल है।
आत्मसम्मान खोकर कोई भी रिश्ता पवित्र नहीं रहता।
आत्मसम्मान आपको सही निर्णय लेने में मदद करता है।
आत्मसम्मान खोना खुद को धोखा देना है।
आत्मसम्मान और ईमानदारी साथ-साथ चलते हैं।
आत्मसम्मान खोकर मिली दौलत, दौलत नहीं बोझ है।
आत्मसम्मान इंसान को आदर्श बनाता है।
आत्मसम्मान खोना मतलब अपनी पहचान मिटाना।
आत्मसम्मान सच्चे चरित्र का प्रमाण है।
आत्मसम्मान के साथ जीना ही सच्ची आज़ादी है।
आत्मसम्मान वही है, जो आपको अपनी गलतियों से सीखकर और मजबूत बनाता है।
जो व्यक्ति अपने आत्मसम्मान की रक्षा करता है, वह कभी हारता नहीं।
आत्मसम्मान की नींव ईमानदारी और आत्मविश्वास पर टिकी होती है।
दूसरों से सम्मान पाने से पहले खुद को सम्मान देना सीखो।
आत्मसम्मान आपको झुकने से पहले सोचने पर मजबूर करता है।
जो आत्मसम्मान खो देता है, वह खुद को खो देता है।
आत्मसम्मान आपकी सबसे कीमती पूंजी है, इसे कभी मत गंवाओ।
सम्मान की भीख नहीं मांगते, उसे कर्मों से कमाया जाता है।
आत्मसम्मान व्यक्ति के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी पहचान है।
जो खुद का सम्मान करता है, वही दूसरों से सम्मान पाता है।
आत्मसम्मान आपको सही और गलत के बीच निर्णय लेने की ताकत देता है।
धन खोकर आप फिर पा सकते हो, पर आत्मसम्मान खोकर नहीं।
आत्मसम्मान आपको विपरीत परिस्थितियों में भी अडिग रखता है।
आत्मसम्मान को कभी अहंकार न बनने दो, यह संतुलन जरूरी है।
दूसरों के आगे झुकने से पहले अपने आत्मसम्मान को याद करो।
आत्मसम्मान ही है, जो आपको खुद पर विश्वास दिलाता है।
खुद को छोटा समझना आत्मसम्मान का अपमान है।
आत्मसम्मान के साथ जीना सबसे बड़ी जीत है।
जिस दिन आत्मसम्मान चला गया, उस दिन सब खत्म हो जाता है।
आत्मसम्मान खोने से पहले हजार बार सोचो।
आत्मसम्मान आपके आत्मबल को और मजबूत करता है।
जो अपनी इज्जत खुद नहीं करता, वह दूसरों से क्या उम्मीद करेगा।
आत्मसम्मान आपके आत्मविश्वास की ढाल है।
अपने आत्मसम्मान को कभी भी रिश्तों के नाम पर मत बेचो।
आत्मसम्मान वह दीपक है, जो जीवन के अंधेरों में राह दिखाता है।
अपने आत्मसम्मान के लिए खड़ा होना सीखो, भले ही अकेले हो।
जो व्यक्ति आत्मसम्मान रखता है, वह कभी गलत समझौता नहीं करता।
आत्मसम्मान आपके चरित्र की असली शक्ति है।
सम्मान मांगने से नहीं, कर्मों से मिलता है।
आत्मसम्मान खोकर जीना, जीना नहीं कहलाता।
जो खुद को महत्व देता है, वही आत्मसम्मान समझता है।
आत्मसम्मान के साथ खड़ा इंसान सबसे ताकतवर होता है।
आत्मसम्मान आपको कभी गलत रास्ता अपनाने नहीं देगा।
अपनी कीमत जानना आत्मसम्मान की पहली सीढ़ी है।
आत्मसम्मान से ही आत्मशक्ति का जन्म होता है।
जब आप खुद को मानते हैं, तभी दुनिया आपको मानती है।
आत्मसम्मान आपको हर परिस्थिति में मजबूत बनाता है।
आत्मसम्मान खोकर मिला सुख हमेशा अधूरा होता है।
आत्मसम्मान से समझौता करना, खुद को खोना है।
आत्मसम्मान वह चाबी है, जो जीवन के दरवाजे खोलती है।
दूसरों की नजरों में गिरने से पहले खुद की नजर में गिरना सबसे खतरनाक है।
आत्मसम्मान कभी भी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करता।
आत्मसम्मान आपको खुद पर गर्व करने की ताकत देता है।
दूसरों का सम्मान करना, आत्मसम्मान का ही हिस्सा है।
आत्मसम्मान को अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता बनाओ।
आत्मसम्मान से ही इंसान का असली व्यक्तित्व चमकता है।
अपनी सीमाएं और आत्मसम्मान जानना, समझदारी है।
आत्मसम्मान की रक्षा करना, जीवन की रक्षा करना है।
जो अपने आत्मसम्मान के लिए खड़ा होता है, वह किसी के आगे नहीं झुकता।
आत्मसम्मान ही जीवन का सबसे कीमती गहना है।
आत्मसम्मान वह नींव है जिस पर व्यक्तित्व की पूरी इमारत खड़ी होती है।
जो खुद को सम्मान नहीं देता, दुनिया भी उसका आदर नहीं करती।
आत्मसम्मान खोकर मिली सफलता भी असफलता के समान है।
जब आप खुद को महत्व देते हैं, तभी लोग भी आपको महत्व देने लगते हैं।
अपनी असफलताओं को सीख में बदलना ही आत्मसम्मान की निशानी है।
आत्मसम्मान व्यक्ति को सही और गलत का अंतर समझाता है।
अपने मूल्य जानना ही आत्मसम्मान की शुरुआत है।
जब आत्मसम्मान मजबूत होता है, तो दुनिया की नकारात्मकता असर नहीं करती।
आत्मसम्मान आपको परिस्थितियों से लड़ने की ताकत देता है।
जो अपनी सोच पर विश्वास रखता है, वही सच्चा आत्मसम्मानी होता है।
आत्मसम्मान के लिए कभी भी अपनी सच्चाई से समझौता न करें।
जब आत्मसम्मान अडिग हो, तब किसी की राय आपको हिला नहीं सकती।
खुद के लिए खड़ा होना ही आत्मसम्मान की असली पहचान है।
आत्मसम्मान आपकी आत्मा का गहना है, इसे कभी न उतारें।
जो खुद को छोटा समझता है, वह दूसरों की नजरों में कभी बड़ा नहीं बनता।
आत्मसम्मान आपके जीवन की दिशा तय करता है।
अपने आत्मसम्मान की रक्षा करना ही सबसे बड़ा साहस है।
आत्मसम्मान के लिए त्याग करना भी गर्व की बात है।
आत्मसम्मान ही वह शक्ति है जो आपको हर बार गिरकर उठने की प्रेरणा देती है।
जो आत्मसम्मान को खो देता है, वह अपनी पहचान भी खो देता है।